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Performing Arts – सांस्कृतिक एवं कलात्मक विकास

By: श्रवण विद्यापीठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल
Performing Arts

सृजनात्मकता का मंच: नृत्य, नाट्य एवं संगीत

श्रवण विद्यापीठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 'परफॉर्मिंग आर्ट्स' (Performing Arts) को शिक्षा के अभिन्न अंग के रूप में देखा जाता है। हम मानते हैं कि कला विद्यार्थियों की कल्पनाशक्ति को विस्तार देती है, उनमें आत्मविश्वास बढ़ाती है तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देती है।

नृत्य

भारतीय सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए रखने के लिए विद्यालय में भारतीय शास्त्रीय और लोक नृत्यों का अभ्यास कराया जाता है। साथ ही, आधुनिक नृत्य की कक्षाएँ भी विद्यार्थियों को रचनात्मक मंच प्रदान करती हैं।

नाट्यकला

नाट्यकला विद्यार्थियों के विचारों को संवाद के माध्यम से प्रस्तुत करने का सशक्त साधन है। विद्यालय के छात्र विभिन्न सामाजिक एवं शैक्षणिक विषयों पर नाटकों का मंचन करते हैं, जिससे उनमें नेतृत्व और टीम भावना का विकास होता है।

संगीत

संगीत शिक्षा के अंतर्गत शास्त्रीय, भक्ति, लोक एवं वाद्य संगीत की शिक्षा दी जाती है। विद्यार्थी गायन, वादन और संगीत रचना के विभिन्न आयामों से परिचित होते हैं।

वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव

प्रत्येक वर्ष विद्यालय 'वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव' का आयोजन करता है, जिसमें विद्यार्थी अपने कलात्मक प्रदर्शन से सभी का मन मोह लेते हैं। यह कार्यक्रम अभिभावकों और समुदाय के लिए भी एक स्मरणीय अनुभव होता है।

हमारी सोच

परफॉर्मिंग आर्ट्स केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि व्यक्तित्व विकास का माध्यम हैं। यही कारण है कि श्रवण विद्यापीठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हम इसे शिक्षण प्रणाली का अभिन्न हिस्सा मानते हैं।

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